मानव गुरु मानते ही की एक भगवान् है जिनके अनेक नाम है। वह हर धर्म के सामने दो महत्वपूर्ण सवाल रखते है।
दुनिया में कई धर्म हैं जैसे हिंदू धर्म, इस्लाम, ईसाई धर्म, बौद्ध धर्म, सिख धर्म, यहूदी धर्म, आदि। वे अपने-अपने ईश्वर में विश्वास करते हैं।
मानव गुरु मानते ही की एक भगवान् है जिनके अनेक नाम है। वह हर धर्म के सामने दो महत्वपूर्ण सवाल रखते है।
भले उनका धर्म कोई भी हो सबका जवाब एक ही होगा – “भगवान हर जगह है।”
भले उनका धर्म कोई भी हो सबका जवाब एक ही होगा – “नहीं”
सभी धर्मों का अंतिम निष्कर्ष यह है कि ईश्वर हर जगह है लेकिन उसे देखा नहीं जा सकता।
मानव गुरु के अनुसार विश्व में एक ऊर्जा है और यह ऊर्जा भी हर जगह मौजूद है लेकिन इसे देखा नहीं जा सकता है।
भगवान हर जगह है, लेकिन देखा नहीं जा सकता। इसी प्रकार ऊर्जा हर जगह है और उसे भी देखा नहीं जा सकता।
भगवान = ऊर्जा
भगवान = ऊर्जा
विश्व में भगवान केवल एक है। हम उसे विश्व भगवान कहते हैं।
विश्व में ऊर्जा केवल एक है। इसे हम विश्व शक्ति कहते हैं।
फिर हम विश्व शक्ति = विश्व भगवान क्यों नहीं कह सकते?
हम हमारा ज्यादा से ज्यादा वक्त घर या कार्यस्थल पर व्यतीत करते है यानी 24 घंटो में लगभग 20 घंटे। इसीलिए, हमे विश्व शक्ति से इन्ही दो जगह पर संपर्क बनाना चाहिए।
मानव गुरु अपने अनन्य ज्ञान से परिवार के सभी सदस्यों को विश्व शक्ति से संपर्क बनाने के लिए मदद करते है। जब परिवार का हर एक सदस्य मानव गुरु के अनन्य ज्ञान को अपनाते है तब वे 9 से 180 दिनों में आनंदमय जीवन का अनुभव करना शुरू करते है।